Wittyfeed The Most Successful Start-Up of India
वर्षो विफलता का सामना करने के बाद आखिर इंदौर के Wittyfeed को सफलता मिली?
जिस स्टार्ट-उप के
४ प्रोडक्ट और
ब्रांड फ़ैल हो
चूका हो उसका
क्या भविष्य होगा?
इस सवाल का
उत्तर हमें इंदौर
के wittyfeed के ऑफिस
में मिलता है
यहाँ उनके वेबसाइट
पे हर महीने
६० लाख विसिटोर्स
और २५० मिलियन
पेज व्यूज आते
है|
हाल ही में
इस स्टार उप
को बैंकाक में
आल इंडिया अचीवर्स
द्वारा आई.टी सेक्टर
में ' फास्टेस्ट
ग्रोइंग कंपनी ' से पुरस्कृत
किया गया है|
इतना ही नहीं
दुनिया की सबसे
बड़ा सर्च इंजन
गूगल ने इनकी
अपने एलीट ग्रुप
ऑफ़ स्टार्ट उप
के केस स्टडी
में शामिल किया
है|
अपने वायरल कंटेंट की
बदौलत विट्टीफीड अपने
विस्थापन के पहले
ही वर्षा में
भारत के ५००
मोस्ट विजिटेड वेबसाइट
में शामिल हो
चुकी थी|
wittyfeed.tv ब्रांड
आज एक चार्टिकल
प्लेटफार्म है एक
ऐसी वेबसाइट जह
लोग आर्टिकल, वीडियो,
फोटो और लिश्टिकल्स
पढ़ने आते है
| हर एक आर्टिकल
ठोस रिसर्च
और बड़े ही
रच्मात्माक ढंग से
लिखा जाता है
और इसी वजह
से आज ये
ब्रांड दुनिया भर में
फैला और मशहूर
है|
तो आखिर कैसे
मिली wittyfeed को इतनी
अपार सफलता? इसका
श्रेय जाता है
उनकी अन्य दो
स्टार्ट यूपीएस को evrystry.com और
thestudpidstation.com यहाँ दोनों भी वत्सना
टेक्नोलॉजीज़ लीमिटेड से जुड़े ब्रांडस्ड
है | ऐसा wittyfeed ऐसा
क्या किया जिससे
महज एक ही
साल के भीतर
उनके वेबसाइट ५
मिलियन व्यूज से सीधे
२५० मिलियन व्यूज
तक पोहोच गयी?
इस्पे उनके सीओ-फाउंडर विजय सिंघल
कहते है, “यह
रातोरात नहीं हुआ।
हम चार साल
के परीक्षण और
त्रुटि के बाद
यहां पहुंचे हैं।
हमने उत्पाद की
ब्रांडिंग के बारे
में कुछ कठिन
सबक सीखे। इससे
पहले, हमारा कंटेंट
पोर्टल इस्प्रिटरी हमारे पाठकों
या टीम के
लिए उतना अपील
नहीं करता था।
हालांकि, एक आकर्षक
नाम उपयुक्त रूप
से कम्बर होगा
जो हमारे दिमाग
में था जब
हमने इसे 'प्लेटफॉर्म'
कहा था। "
हाल ही
यह सफलता सेलिब्रेट
करते वक्त wittyfeed और
टीम ने
४५००० कॉन्करेन्ट उसर्स
को क्रॉस किया
है औ आज
की तारीख में
वेबसाइट पे दिन
के ६ मिलियन
उसर्स और २५०
मिलियन से अधिक
पेज सिलिकॉन वैली
स्टाइल में बताये।
स्टोरी टेलिंग एंड रेवेन्यूए
wittyfeed अपने
वाचकॉकेलिए कंटेंट लिखता है
और उस कंटेंट
पे जाहिरात जैसे
Google Ads, content.ad और
OpenX द्वारा पैसे कमाता
है| इनके कंटेंट
डिस्ट्रीब्यूशन में viral9.com एक विभिन्न
और महत्वपूर्ण अंग
के तौर पे
काम करता है जहा
६००० से अधिक
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर
मौजूद है जिससे
की इनका कॉन्टेंट
वायरल होने में
मदद मिलती है
| इतना ही नहीं
गूगल द्वारा भी
wittyfeed को एक अलग
एकाउंट्स मैनेजर दिया गया
है|
शशांक वैष्णव सीओ-फाउंडर
wittyfeed कहते है,“अभी, हमारे
पास एक टीम
है जो सबसे
अधिक वायरल सामग्री
ढूंढती है। लेखकों
को वेबसाइट पर
पोस्ट करने से
पहले उसके चारों
ओर सामग्री को
क्यूरेट या लिखने
के लिए निर्देशित
किया जाता है।
हालाँकि, अब हम
एक ऐसी प्रणाली
पर काम कर
रहे हैं, जिसमें
वायरटीफाइड यह तय
करने में अग्रणी
बन जाता है
कि क्या वायरल
हुआ और क्या
नहीं, " अपने कॉलेज
के तीसरे साल
में शशांक ने
"अमेजिंग थिंग्स इन वर्ल्ड'
इस वेबसाइट की
शुरुवात की थी|
“इसके अलावा, विज्ञापन का
भविष्य विज्ञापन लिंक नहीं
है जो हम
आज देखते हैं।
अब विज्ञापनों को
कहानियों के साथ
बुना जाना होगा,
”प्रवीण सिंघल कहते हैं|
लेकिन क्या भारत
में पर्याप्त कंटेंट क्यूरेटर्स मौजूद है? इस्पे प्रवीण सिंघल कहते है,"
"जब हमने शुरू किया तो हमारे मन में दो प्रमुख प्रतियोगी थे - बज़फीड और डिपली।
जब वे बाजार में स्थापित और बड़े नाम थे, हमने खुद को इस तथ्य के लिए अलग बताया कि
हम केवल सामग्री की खपत के लिए एक और वेबसाइट नहीं बना रहे थे, हम एक मंच बना रहे थे।
एक चार्ट प्लेटफ़ॉर्म जो आपको ब्लॉग को फ़ोटो देने और आपके शब्द को अधिक से अधिक शेयर
करने की अनुमति देता है,"
तो क्या
wittyfeed में जॉब करना चाहेंगे? तो उठिये और नाचिये !
जी है
wittyfeed में नौकरी पाने के लिए आपके अकादॅमिक्स पात्रता को काम महत्व दिया जाता है
| इनका इंटरव्यू का तरीका अनोखा है यहाँ कैंडिडेट्स को स्टैंड उप कॉमेडी, चुटकुले या
फिर नृत्य करने को कहा जाता है | ऐसा अनोखा तरीका ऐतीयार करने की वजह पर फाउंडर्स का
कहना है की," यह उस तरह के लोग हैं जिन्हें हम किराए पर लेना चाहते हैं: जो अपने
आराम क्षेत्र से बाहर आने से डरते नहीं हैं। यहाँ, आप जो भी चाहते हैं, न्याय किए जाने
के डर के बिना हो सकते हैं,
हमारे अधिकांश कर्मचारी
फ्रेशर हैं। हमारा मानना है कि विटीफीड वातावरण में नई प्रतिभाएँ सीखने और अपनाने के
लिए अधिक खुली हैं, ”
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