What is NPR in Hindi? क्या है एनपीआर - बढ़िया पोस्ट

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Tuesday, 31 December 2019

What is NPR in Hindi? क्या है एनपीआर


What is NPR (National Population Register)?

देश में इस समय तमाम तरह के बिल केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे हैं। एनआरसी और सीएए के बीच एनपीआर भी सरकार द्वारा लागू करने का प्लान बनाया जा रहा है। ऐसे में लोगों के बीच इसे लेकर कई तरह के सवाल है जिनका जवाब जनना बहुत जरूरी है। इसी को मद्देनजर रखते हुए|


केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने को मंजूरी दे दी है। साल 2021 की जनगणना से पहले ही अगले साल 2020 अप्रैल से सितंबर 2020 तक इस रजिस्टर को अपडेट किया जाएगा। आइए जानते हैं क्या है एनपीआर....

क्या है एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) What is NPR?
एनपीआर भारत में निवास करने वाले निवासियों का एक रजिस्टर है। इसे मुख्य रुप से ग्राम पंचायत, तहसील, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है। नागरिकता कानून, 1955 और नागरिकता नियम 2003 के प्रावधानों के तहत यह रजिस्टर तैयार किया जाता है।

एनपीआर की शुरुआत
आपको बता दें कि एनपीआर देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 2010 में इसकी पहल शुरू हुई थी। उस समय साल 2011 में जनगणना के पहले इस पर काम शुरू हुआ था। अब एक बार फिर 2021 में देश में जनगणना होनी है। इसी लिए अब जल्द ही एनपीआर पर भी काम शुरू होने वाला है।

एनपीआर के मुख्य उद्देश्य
देश में निवास करने वाले प्रत्येक निवासी की पूरी जानकारी के अधार पर डेटा तैयार करना इसका मुख्य उद्देश्य है। बता दें कि सरकार अपनी तमाम योजनाओं को तैयार करने से लेकर धोखाधड़ी पर रोक लगाने और हर परिवार तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए इसका प्रयोग करती है।

कैसे तैयार किया जाता है एनपीआर रजिस्टर?
गौर करने वाली बात यह है कि नागरिकता कानून, 1955 को वर्ष 2004 में संशोधित किया गया था, इस संशोधन में एनपीआर के प्रावधान को जोड़ा गया था। नागरिकता ऐक्ट, 1955 के सेक्शन 14A में यह प्रावधान तय किए गए हैं कि केंद्र सरकार देश के हर नागरिक का अनिवार्य पंजीकरण कर राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी कर सकती है। सरकार देश के हर नागरिक का रजिस्टर तैयार कर सकती है और इसके लिए नैशनल रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी का भी गठन कर सकती है।

What is NPR (National Population Register)?


क्या आपको भी कराना होगा रजिस्ट्रेशन?

नागरिकता कानून में 2004 में हुए संशोधन के अनुसार सेक्शन 14 के तहत देश के किसी भी नागरिक के लिए एनपीआर में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। बता दें कि नैशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजंस के लिए पंजीकरण कराना जरूरी है और एनपीआर इस दिशा में पहला कदम है।

कैसे करें रजिस्ट्रेशन?

रजिस्टर में खुद का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी है। अगले साल
अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 के दौरान एनपीआर तैयार करने के लिए सरकारी कर्मी खुद घर-घर जाकर जानकारी लेंगे। इसके बाद इसे इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस के तौर पर रेडी किया जाएगा। इसमें फोटोग्राफ, फिंगरप्रिंट्स जैसी चीजों को डाटा के तौर शामिल किया जाएगा।


यह जानकारियां होगी दर्ज

एनपीआर रजिस्टर में आपका नाम, परिवार के मुखिया से संबंध, पिता का नाम, माता का नाम, पत्नी या पति का नाम (यदि विवाहित हैं), लिंग, जन्मतिथि, मौजूदा पता, राष्ट्रीयता, स्थायी पता, व्यवसाय और बॉयोमीट्रिक डिटेल्स को इसमें शामिल किया जाएगा। बता दें कि इसमें 5 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही शामिल किया जाएगा।

एनआरआई भी होंगे एनपीआर में शामिल

इस रजिस्टर में एनआरआई लोगों को शामिल नहीं किया जाएगा। लेकिन यदि वह भारत आते हैं और भारत में रहने लगते हैं तो उस स्थिति में उन्हें भी एनपीआर में शामिल किया जा सकता है।

एनपीआर में देना होगा जुर्माना
यदि किसी व्यक्ति द्वारा एनपीआर के तहत गलत या अधूरी सूचना देते हैं तो  उसे सिटिजनशिप रूल्स, 2003 के तहत जुर्माना देना होगा।

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