अस्थमा का घरेलु उपचार (Home remedies for asthma or asthma) - बढ़िया पोस्ट

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Wednesday, 15 January 2020

अस्थमा का घरेलु उपचार (Home remedies for asthma or asthma)


अस्थमा का घरेलु उपचार (Home remedies for asthma or asthma)

दोस्तों! अस्थमा एक ऐसी बीमारी है।जिसे इंसान को सबसे ज्यादा तड़प और घुटन महसूस होती हैं। अस्थमा को सामान्य बोलचाल की भाषा में ' दमा' भी कहा जाता है । अस्थमा बीमारी में रोगी को सांस लेने में परेशानी होती है।अस्थमा की बीमारी हमारे " फेफड़े " से जुड़ी हुई होती है। जिस कारण जब " फेफड़े " श्वसन लेने के लिए खिंचाव करते हैं। तो श्वसन नली से हवा फेफड़ों तक नहीं पहुंच पाती। जिससे घुटन महसूस होती हैं। इसी प्रक्रिया को अस्थमा कहते हैं। कभी-कभी अस्थमा के कारण ऑक्सीजन शरीर के विभिन्न अंगों तक नहीं पहुंच पाती हैं और रोगी की मृत्यु हो जाती है।

अस्थमा जैसी बीमारी के कारण हमारे शारीरिक दिनचर्या पर भी फर्क पड़ता है। अस्थमा की बीमारी की एक अच्छी बात यह है कि इसे आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है। आजकल डॉक्टर अस्थमा की बहुत सी ऐसी Medicine देते हैं। जिससे अस्थमा को Control किया जा सकता है लेकिन यह दवा अस्थमा को Control तो कर देती है लेकिन इन दवा का असर हमारी गुर्दा और जिगर पर पड़ता है। Medicine के ज्यादा सेवन से Kidney और Lever का कैंसर होने का खतरा रहता है।

लेकिन ऐसे अनेकों घरेलू उपाय हैं। जिनकी सहायता से अस्थमा को आसानी से Control किया जा सकता है। इन घरेलू नुस्खों का कोई भी side effect ना होने के कारण यह शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इन घरेलू उपायों से आप अस्थमा को ठीक करने के साथ-साथ सर्दी जुखाम और खांसी से भी बचे रहेंगे।

तो चलिए जानते हैं अस्थमा का घरेलु उपचार (So let's know the home remedies  for asthma) 

(1). अंजीर- अंजीर में बहुत से ऐसे Hot elements होते हैं। जो श्वसन नली के बलगम को दूर करते हैं और श्वसन में आसानी प्रदान करते हैं। अंजीर पूरे श्वसन तंत्र को सुधारने का काम भी करती हैं। 4 -5 अंजीर को
रात भर पानी में भिगोकर सुबह से भूखे पेट लेना चाहिए इसका परिणाम कुछ ही सप्ताह में दिखाई देने लगेगा।

(2). अदरक और शहद- अदरक और शहद का सहयोग गले में होने वाले खसखस और श्वसन नली में होने वाले विकारों को दूर करता है। साथ ही फेफड़ों में हवा के विकारों को भी दूर करता है। शहद और अदरक में Antibacterial गुण होते हैं। जो अस्थमा पर आसानी से नियंत्रण कर लेते हैं। अदरक और शहद को रोजाना दिन में 2 बार अवश्य ले।

(3). तुलसी का रस- प्राचीन समय से तुलसी का उपयोग अस्थमा को नियंत्रित करने  में किया जाता है। तुलसी में मौजूद तत्व प्राकृतिक रूप से Bronchodilator का काम करते हैं। जो श्वसन नली से बलगम को निकालकर वायु के प्रवाह को आसान बनाता है। रोजाना 10 से 15 तुलसी के पत्तों के रस का सेवन करना चाहिए। लेकिन बेहतर परिणाम के लिए तुलसी के पत्तों, शहद और अदरक तीनों को मिलाकर गर्म पानी में उबाल कर इस पानी का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से अस्थमा में आराम मिलता है।

(4). सरसों का तेल और कपूर- सरसों के तेल को गर्म करके उसमें कपूर मिलाकर इस तेल की मालिश छाती पर करने से Congested lungs में राहत मिलती है और अस्थमा के अटैक के समय यह रोगी को बहुत राहत दिलाता है। सर्दी के समय में इस तेल की मालिश से अस्थमा  को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

(5). अजवाइन- अजवाइन अस्थमा विरोधी होता है। अजवाइन का हलवा बनाकर अस्थमा रोगी को देने से अस्थमा पर Control आसानी से पाया जा सकता है अगर हलवा बनाने में दिक्कत होती है तो अजवाइन को छाछ के साथ भी दिया जा सकता है लेकिन अजवाइन और छाछ को दिन में तीन से चार बार देना जरूरी होता है। बेहतर परिणाम के लिए अजवाइन को पीसकर उसका Paste बना लें और इस Paste को छाती पर लगा दे इससे अस्थमा रोगी के फेफड़ों को आराम मिलेगा।

(6). लहसुन- लक्षण में Antioxidant गुण होते हैं जो श्वसन नली और फेफड़ों में होने वाले Virus और बलगम को साफ कर देते हैं। दो लहसुन की कलियां को 1 glass दूध में उबालकर लेने से अस्थमा में बहुत राहत मिलती है। इसका सेवन रोजाना करना चाहिए और कुछ दिनों में इसका परिणाम भी दिखने लगता है।

(7).पिप्पली- पिप्पली का उपयोग आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है। पिप्पली ठंड, सर्दी- जुकाम और Chronic asthma के इलाज में बहुत उपयोगी होती है। बंद छाती को खोलने के लिए पिप्पली का इस्तेमाल  
करना चाहिए।अस्तमा में राहत के लिए एक चम्मच पिप्पली Powder को शहद के साथ मिला कर लेना चाहिए। मात्र कुछ ही दिनों में अस्थमा को यह नियंत्रित कर लेती हैं।

(8). आंवला- अस्थमा में आंवला का उपयोग काफी फायदेमंद होता है। आंवले का इस्तेमाल आंवला पाउडर के रूप में या Juice के रूप में कर सकते हैं। सुबह खाली पेट आंवले के जूस को पीने से यह फेफड़ों की वायु के प्रवाह को सरल बनाता है। अस्थमा में आंवला का इस्तेमाल एक रामबाण उपाय है।

(9). हिंग-  हींग के द्वारा ठंड, खांसी और अस्थमा को नियंत्रित किया जाता है। हींग कफ को नियंत्रित करने का भी कार्य करती हैं। हींग Natural रूप से अस्थमा और श्वसन विकारों का ईलाज करने के लिए उपयोगी होती है। हींग इस्तेमाल अदरक के रस के साथ या शहद के साथ किया जा सकता है।

(1०). कॉफी- कॉफी में Caffeine की काफी मात्रा होती है जो श्वसन नली को साफ करती हैं। गरम कॉफी के सेवन से फेफड़ों को Relax मिलता है। दिन में दो से तीन बार गर्म कॉफी पीनी चाहिए। जिससे श्वसन लेने में आसानी होती हैं, अगर आपको काफी पसंद नहीं है तो आप चाय में थोड़ी सी मात्रा कॉफी  डाल कर ले सकते हैं।

अस्थमा एक बहुत ही जटिल बीमारी है। अस्थमा होने की कोई निश्चित उम्र नहीं होती। यह किसी बच्चे, पुरुष  और महिला को हो सकता है। अस्थमा को कभी भी ठीक नहीं किया जा सकता लेकिन इसे कंट्रोल जरूर किया जा सकता है। हमारे द्वारा बताइए गए उपायों से आप अस्थमा को आसानी से कंट्रोल कर लेंगे लेकिन ज्यादा फेफड़ों में दर्द हो और सांस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।


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